म्युचुअल फंड एक तरह का निवेश है जिसमें बहुत से निवेशक अपना पैसा लगाते है, म्युचुअल फंड के माध्यम से आप इक्विटी, स्टॉक, बॉन्ड आदि में निवेश कर अपने पोर्टफोलियो को डाइवर्सीफाई कर सकते है जिससे स्टॉक मार्केट में काफी हद तक जोखिम को कम किया जा सकता है। लेकिन अभी भी बहुत से लोग है जो म्यूचुअल फंड कैसे काम करता है? समझे बिना ही पैसा लगा देते है। 

अब सवाल ये आता है कि आपको म्यूचुअल फंड कैसे काम करता है समझे बिना ही निवेश शुरु कर देना चाहिए?

तो जवाब है नहीं, क्योंकि जब भी आप किसी भी काम को बिना समझे करते है कि वह क्या है और कैसे काम करता है तो इसकी प्रवृति बहुत ज्यादा है कि आप उस काम में सफल नहीं होंगे। 

इसलिए अगर आप अपने निवेश की शुरुआत म्युचुअल फंड से करना चाहते है तो पहले आपको समझना कि म्यूचुअल फंड कैसे काम करता है? तो देर किस बात की है अभी समझते है…… 

म्यूचुअल फंड कैसे काम करता है? समझने से पहले हम थोड़ा म्यूच्यूअल फंड को समझ लेते है… 

म्युचुअल फंड क्या होता है?

म्यूचुअल फंड का भारत में एक लंबा इतिहास रहा है, जहां पहला म्यूचुअल फंड सन 1963 में यूनिट ट्रस्ट ऑफ इंडिया (UTI) द्वारा लॉन्च किया गया था। आज, म्युचुअल फंड भारतीय फाइनेंसियल मार्केट का एक महत्वपूर्ण हिस्सा बन गया हैं, जो निवेशकों को विभिन्न सेक्टर में निवेश करने का अवसर प्रदान करता है। 

ये तो म्यूचुअल फंड का इतिहास हो गया होगा कि इसकी शुरुआत कब और किसने की थी, अभी म्यूच्यूअल फंड क्या है इसे समझते है?

म्यूच्यूअल एक ऐसा निवेश का तरीका है जिसमें कोई भी व्यक्ति बहुत कम पैसो एंव बिना किसी फाइनेंसियल ज्ञान के मार्केट में निवेश कर सकता है क्योंकि म्यूचुअल फंड कंपनियां पूरी रिसर्च करने के बाद आपके पैसो को स्टॉक मार्केट में लगाती है जिसके लिए फंड मैनेजर सबसे अहम भूमिका निभाता है। 

अभी म्यूच्यूअल फंड क्या है इस बारे में इतना ही, क्योंकि अभी हमें समझना है कि म्यूचुअल फंड कैसे काम करता है? अगर विस्तार से समझना चाहते है कि म्यूच्यूअल फंड क्या है तो आप हमारा नीचे दिया हुआ लेख पढ़ सकते है.. 

👉 म्यूच्यूअल फंड क्या है?

म्यूचुअल फंड कैसे काम करता है?

भारत में, म्युचुअल फंड को एसेट मैनेजमेंट कंपनियों (एएमसी) द्वारा मैनेज किया जाता है, जो निवेशकों के ऐसे शेयर्स में पैसे लगाते है जो शेयर्स अच्छे रिटर्न दे सके। एएमसी कंपनियां फंड के दिन-प्रतिदिन के मैनेजमेंट की देखरेख करने और फंड की निवेश रणनीति को लागू करने के लिए प्रोफेशनल फंड मैनेजरों को नियुक्त करते हैं, निवेशकों के पैसो को सही जगह निवेश करते है। 

भारत में म्युचुअल फंड निवेशकों को कई तरह के निवेश विकल्प प्रदान करते हैं, जिसमें इक्विटी म्यूचुअल फंड डेट म्युचुअल फंड और फिक्स्ड इनकम सिक्योरिटीज जैसे बॉन्ड आदि शामिल हैं; और हाइब्रिड म्युचुअल फंड, जो स्टॉक और बॉन्ड के संयोजन में निवेश करते हैं। इन सब के अलावा म्यूच्यूअल फंड एक विशेष क्षेत्र में भी निवेश का विकल्प देता है जिनमें रियल एस्टेट या कमोडिटी आदि शामिल है। 

भारत में एक म्यूचुअल फंड में निवेश करने के लिए, एक निवेशक को पहले एक म्यूचुअल फंड का चुनाव करना होता है जो उनके निवेश लक्ष्यों और जोखिम सहनशीलता के अनुसार होता है। इसके बाद निवेशक विभिन्न ऑनलाइन ब्रोकर के माध्यम से म्यूचुअल फंड खरीद सकता है। म्यूच्यूअल फण्ड को समस्त फंड के सबसे छोटे हिस्से की इकाई के रूप में खरीदा जाता है जिसे नेट एसेट वैल्यू (एनएवी) के रूप में भी जाना जाता है, जहां एनएवी का प्राइस फंड के पोर्टफोलियो में रखी गई सिक्योरिटीज के प्राइस से निर्धारित होती है।

एनएवी क्या होती है?

म्युचुअल फंड इकाइयों या एनएवी को किसी भी निवेशक द्वारा खरीदा या बेचा जा सकता है, लेकिन ये एनएवी है क्या?

चलो इसे समझते है… 

किसी भी फंड की प्रत्येक यूनिट की कीमत को एनएवी या म्यूचुअल फंड की नेट एसेट वैल्यू के रूप में संदर्भित किया जाता है। इस तरह, एनएवी म्यूचुअल फंड निवेश करने के आधार के रूप में कार्य करता है। 

आसान शब्दों में जब भी आप किसी म्यूच्यूअल फंड में निवेश करते है तो आप किसी भी फंड में एनएवी के रूप में पैसा लगाते है। 

इसको एक आसान उदाहरण की मदद से समझते है… 

माना राजू ने स्मॉलकैप फंड में 10,000 हजार रुपये 25 रुपये प्रति एनएवी के अनुसार निवेश किए है, कुछ महीनो बाद मार्केट अच्छा परफॉर्म करता है और जिस तरह स्मॉलकैप फंड में शामिल शेयर्स की प्राइस बढ़ती है ठीक उसी प्रकार एनएवी की प्राइस भी बढ़ जाती है। 

राजू द्वारा किया गया कुल निवेश10,000 रुपये 
कीमत   25 रुपये प्रति एनएवी यूनिट
कुल प्राप्त एनएवी यूनिट 10,000 / 25 = 400 एनएवी यूनिट

 

अभी राजू के पास स्मॉलकैप फंड की 400 एनएवी यूनिट है जिनकी कीमत बढ़कर 35 रुपये प्रति एनएवी यूनिट हो गयी है तो इस प्रकार जब राजू म्यूच्यूअल फंड को बेचेगा तो उसे 35*400 यानि 14,000 रुपये प्राप्त होंगे। तो इस तरह राजू ने स्मॉलकैप म्यूच्यूअल फंड में निवेश कर 4000 रुपये का प्रॉफिट किया है।        

निष्कर्ष

अंत में, म्युचुअल फंड भारतीय फाइनेंसियल मार्केट का एक महत्वपूर्ण हिस्सा हैं, जो निवेशकों को कई तरह के निवेश विकल्प प्रदान करते हैं और कंपनियों के लिए पूंजी के प्रमुख स्रोत के रूप में काम करते हैं। निवेशकों को सलाह दी जाती है कि वह हमेशा अपने जोखिम सहनशीलता एंव वजट के अनुसार ही पैसा लगाएं। इसके अलावा जितना हो सकते एक से अधिकतम म्यूच्यूअल फंड में निवेश करे, जिससे रिस्क को थोड़ा कम किया जा सके। 

हमें उम्मीद है कि इस पोस्ट में भारत में म्यूचुअल फंड कैसे काम करता है? अच्छे से समझ में आ गया होगा, लेकिन अगर आपका कोई सवाल रहता है तो आप हमें नीचे कमेंट कर सकते है और लेख पसंद आया हो तो अपने दोस्तों के साथ भी जरुर शेयर करे…